मित्र बनना सीख लें
मित्र बनना सीख लें
है ललक हमें भी मित्रों की निसदिन आमंत्रण भेज रहे !
कोई देखके हमसे जुड़ता है कोई आवेदन हमको भेज रहे !!
बिन देखे और बिन पहचाने हम उनको दोस्त बनाते हैं !
अपनी सेनाओं की संख्या से हम विजयी विश्व कहलाते हैं !!
फेसबुक मित्रों की टोली को भलीभांति हम जान सके ना !
डिजिटल मित्रों की दुनियाँ में सबको हम पहचान सके ना !!
विचारों का नहीं मेल यहाँ है सहयोग नहीं सपनों में होता !
मिलने की तो है बात अधूरी प्यार हमें बहुत कम मिलता !!
कुछ लोग सजग इसमें भी हैं जिन्हें लोगों से जुड़ना आता है !
पर अधिकांश लोग जुड़कर भी परदे के पीछे ही छुप जाता है !!
मित्र बनो तो गति शील रहो सो कर युद्ध ना जीत सकेंगे !
रणक्षेत्रों में वीर धनुर्धर निज बाण रहित टिक ना सकेंगे !!