मीठे पल
मीठे पल
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मीठे-मीठे पल.......
चलो आज मस्ती के वो लम्हे फिर से जी लेते हैं,
हंसते गाते गुज़रे मीठे-मीठे पल को बांहों में भर लेते हैं।
कब वक़्त बदल दें लम्हों के लिबास का .......,
जिंदगी के रंगीन सफर को थोडा सा और जी लेते हैं।
चले आओ इन हसीन वादियों में एक बार फिर तुम,
हंसी ठिठोली रूठने मनाने की पुनरावृत्ति कर लेते हैं।
सागर किनारे बैठ बतियाते हुए बहारों में खो जाते हैं,
दिल में फिर पुरानी यादों का कर आगाज़ मन हल्का कर लेते हैं।
सींच कर बीते हुए लम्हों की खुशनुमा क्यारियों को,
दिल से दिल मिला इस आंगन को फिर महका लेते हैं।