महिला
महिला
जग को तुमने विस्तार दिया।
बनके ममत्व सत्कार दिया।
अद्भुत नारी तुम रूप रहीं,
कहीं छांव रहीं तुम धूप रहीं,
नारी तुमको आकाश कहूं,
या दिव्य सूर्य प्रकाश कहूं,
जो दिया जन्म आधार दिया।
जग को तुमने विस्तार दिया।
मां शब्द तुम्ही से परिभाषित,
कई रूप तुम्हारे हैं आसित,
हो उत्पल निर्मल सुकुमारी,
तुम पूज्यनीय देवी नारी,
आंखें खोली संसार दिया।
जग को तुमने विस्तार दिया।
भगिनी भार्या तुम मात बनी,
सुरभित पुलकित सौगात बनी,
तुम दुर्गा शक्ति झांसी रानी,
तुम वेग प्रबल सरिता पानी,
प्यारा अंचल आधार दिया।
जग को तुमने विस्तार दिया।
