पुलिस
पुलिस
जब हम सोते रहते हैं घरों में, वो रात - रात तक जगते हैं।
सिर्फ हमारी ही सेवा में लगे बेचारे रहते हैं।
खाकी वर्दी की इस सेवा भाव से, सबके दिल नौशाद हैं।
कुछ तो सम्मान करें उनका, जो हर पल तैनात हैं।
छोड़ पड़े घर बार है अपना, ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
कभी - कभी लगता है उनको, हम भी यारो कैद हैं।
दिल से नमन उन्हें है मेरा उनको फिर प्रणाम है।
कुछ तो सम्मान करें उनका, जो हर पल तैनात हैं।
छूटे घर - परिवार हैं उनके, सबसे तो वह दूर हैं।
मां - बाप पति पत्नी बच्चे, उनकी आँखों का नूर हैं।
खुश रखना भगवन तुम उनको बस छोटी सी फरियाद है।
कुछ तो सम्मान करें उनका, जो हर पल तैनात हैं।
नित नई सफलताएँ पाएं वो, जिनके जो आयाम हैं।
" रोहित " नमन करता है उनको, बारंबार प्रणाम है।
ऐसी खाकी वर्दी को मेरा, दिल से धन्यवाद है।
कुछ तो सम्मान करें उनका, जो हर पल तैनात हैं।
