खाकी वर्दी तेरी मनमर्जी ढाती जुर्म हजार है ए कैसा अत्याचार है ए कैसा भ्रष्टाचार है ! खाकी वर्दी तेरी मनमर्जी ढाती जुर्म हजार है ए कैसा अत्याचार है ए कैसा भ्रष्टाचार ...
सोचा चलो देखते हैं इसे भी, इन हौसलों के आगे बड़ी कहाँ ये.. सोचा चलो देखते हैं इसे भी, इन हौसलों के आगे बड़ी कहाँ ये..
मिल नहीं पाया बहुत ढूंढने पर मालूम न था की बच्चा गोदी में है। मिल नहीं पाया बहुत ढूंढने पर मालूम न था की बच्चा गोदी में है।
जब रातों को कुछ दरिंदे सरे आम हो जाते हैं.. जब रातों को कुछ दरिंदे सरे आम हो जाते हैं..