महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप
मेवाड़ की धरती पर
जन्मा एक वीर महान
जन्मभूमि की खातिर जिसने
किया सर्वस्व बलिदान
त्याग और बलिदान का
दुनिया में ऐसा नहीं
कोई दूसरा प्रमाण
त्यागा राजसी वैभव
जंगल में किया प्रयाण
भूमि पर सोया
घास को खाया
नहीं की परिवार की चिंता
जन्मभूमि को आजाद कराने
निकल पड़ा एक वीर महान
मुग़लों से लोहा लेने को
किया संगठित भीलों को
भाला, और तलवार लिए
कुछ हजार वीर सैनिकों संग
किया युद्ध का ऐलान
चेतक घोड़े पर निकला युद्ध सवार
चेतक की टापों से तलवारों की चमकारों ने किया
हल्दीघाटी को गुंजायमान
मुगलों का संहार किया
मैदान मुग़ल मुंडो से पाट दिया
चेतक ने जब किये प्राणोंत्सर्ग
नहीं रहा तब कोई विकल्प
महाराणा ने किया युद्ध जबरदस्त
सबको कर दिया पस्त
अकेले युद्ध लड़ते लड़ते
प्राणों का किया उत्सर्ग
हल्दीघाटी का मैदान
आज भी करता जिनको प्रणाम
अकबर ने भी माना जिनका लोहा
ऐसे महान वीर प्रतापी
महाराणा प्रताप हुए
जन्म जन्म तक जिनको
याद करेगा हिंदुस्तान..
हम भी उनको करते
शत शत नमन
शत शत नमन
शत शत नमन।।