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minni mishra

Tragedy

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minni mishra

Tragedy

महामानव

महामानव

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राम नाम का चादर ओढ़े

खुद का दाग छिपाते हैं ,

मंदिर-मस्जिद का भेद बताकर

आपस में लड़वाते हैं ,

गंगाजल से तन तो धोते..

मन मलिन रह जाता है ,

दूसरों पर जो छींटा कसते

वही महंथ बन जाते हैं ,

भारत है, संतो की धरती

गुरु नानक और कबीर की बस्ती ,

मानवता का हमें पाठ पढ़ाती...

बलिदानों की कथा सुनाती ...

दधीची करते यहाँ अस्थि दान

कर्ण बचाते, कुंती का मान

संतो की जो राह पकड़ते

महामानव, वही बन जाते हैं।



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