मेरी तमन्ना
मेरी तमन्ना
पंख फैलाए उड़ना चाहूँ,
उड़कर छूना है आसमान
नील गगन में मुक्त तौर से,
करनी है धरती की परिक्रमा
रोज़-रोज़ की दौड़ भाग से
अपना साथ छुड़ाना है
और अपनों के दिलों में एक
छोटा सा घर बनाना है।
पंख फैलाए उड़ना चाहूँ,
उड़कर छूना है आसमान
नील गगन में मुक्त तौर से,
करनी है धरती की परिक्रमा
रोज़-रोज़ की दौड़ भाग से
अपना साथ छुड़ाना है
और अपनों के दिलों में एक
छोटा सा घर बनाना है।