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Prateek Kansal

Drama Inspirational Others

5.0  

Prateek Kansal

Drama Inspirational Others

मेरे स्वप्न

मेरे स्वप्न

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मेरे मन की गहराई में

एक रौद्र समुद्र इठलाता है,

ना जाने किस अनजान भविष्य की

यह कृतियां दर्शाता है।


उमड़, उमड़ यह बार-बार

क्यों मन को यह विचलाता है,

आने वाले कल का क्यों यह

वीभत्स स्वप्न दिखलाता है।


क्या है यह मेरे भूत से निर्मित,

या मात्र मेरी एक कल्पना है,

या है यह कोई संदेश प्रभु का,

या तुच्छ मनगढ़न्त रचना है।


थे कई प्रश्न, थे कई स्वप्न,

जो हरदम मुझे डराते थे,

जिनका हल ना कोई वेदपुरुष

ना वैज्ञानिक दे पाते थे।


उन जवाबों की खोज-भ्रमण में

मुझको गिर यह ज्ञात हुआ,

इन सवालों के भ्रमिक-जाल में

यह सारा संसार फंसा।


मैंने जाना कि हर व्यक्ति

कुछ स्वप्न एकत्र कर चलता है,

फिर उन स्वप्नों की पूर्ति हेतु

वह भविष्य से डरता है।


वही सुखी है इस जग में

जो बस आज की चिंता करता है,

और वर्तमान को सुदृढ़ कर

हर पल में ऊर्जा भरता है।


हैं धन्य वही जन जो

हर हाल में

खुद को खुश रख पाते हैं,

अंत में इस पूरे जीवन में

वही परम सुख पाते हैं...।


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