मेरी प्यारी माँ
मेरी प्यारी माँ
तुम शक्ति हो, तुम धीर हो गंभीर हो
तुम जीवन जीने का मर्म हो
तुम न रूकती न थकती
बस अनवरत चलती रहती हो
तुम माँ हो
अपने अंदर हजार गहराइयों को समेट
असफलताओं को चुनौती देती
कभी न निराश होती
लहरों सी हर रोज गिरती
फिर संभलती हो
तुम माँ हो
हजारों मुश्किलें आती है
तेरी जिंदगी में तुम न घबराती न हारती
अग्नीपथ की राह में बस बढ़ती जाती
हर नई सुबह नई कहानी तुम रचती हो
तुम माँ हो
अपने आंचल में दुखों को समेटती
दूसरों को खुशियां तुम बांटती हो
समर्पित खुद को तुम करती
त्याग और बलिदान की मूरत हो
दीए की तरह खुद जलकर
घर में रोशनी तुम करती हो
तुम माँ हो
अपनी इच्छाओं को भीतर लिए
अपनी मर्यादा में तुम रहती हो
कभी ना अपनी सीमाएं लांघती
आग की तरह तुम जलती हो
पर शिकायत नहीं करती हो
तुम माँ हो ।