मेरी मोहब्बत
मेरी मोहब्बत
"मेरी धड़कती हुई नब्ज़ तू,
मेरी मोहब्बत की उपज तू।
आ लग जा गले और समा ले मुझे,
जीना भी मुश्किल है बिन देखे तुझे।
बिन तेरे यूं तड़पती है रूह मेरी,
बसी है आंखों में सिर्फ मूर्त तेरी।
मोहब्बत का गुणगान दिल में बाकी है,
लबों का तेरे रसपान अभी बाकी है।
बाहों में तेरे लिपट जाऊंगा,
ख्वाबों में भी दूर ना जा पाऊंगा।
जिंदगी रही तो करने हर ख्वाब मुक्कमल,
तुझमें समाने जरूर आऊंगा ..."

