STORYMIRROR

ज्योति किरण

Inspirational

2  

ज्योति किरण

Inspirational

मेरी माँ मेरी पहली गुरू

मेरी माँ मेरी पहली गुरू

1 min
258

चलना भी सिखाती है,

संभलना भी सिखाती है।


समय को बाँध मुट्ठी में,

बदलना भी सिखाती है।।


मेरी माँ, मेरी पहली गुरू,

अभिमान है मेरा


जीवन के स्वरूपों में,

हमें ढलना सिखाती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational