मेरी कलम
मेरी कलम
कलम ही मेरी शक्ति
कलम ही मेरी पहचान
मां कहती हैं ये तेरी तलवार
यही तेरी कमान
लिख सकती तू कहानी जुबानी
बदल सकती तू दुनिया की रुबानी
कलम ही सपनों की बुनियाद
कलम ही रचती इत्तिहास
कलम ही तेरी खुन
कलाम ही तेरी सिंदुर
मां कहती यह तेरा दर्पण
यही तेरा आलोकन
भर देती खाली पन्नो को
रंग बिरंगी कहानियों से
कहीं मेरी मुस्कान सजोती
कहीं मेरी गम छुपोती
तू ही मेरी हमदर्द तुही मेरी जूनुन भी
कलाम ही मेरी ताकत
कलाम ही मेरी पहचान
इससे है शक्ति इसमें है भक्ति
वो पहली बार तुझको जकड़ना
वो पहली बार तुझे उन्गलियो में समेटना
वो खुशी पहले शब्दों का
वो खुशी लिखने नाम का
सारे संजोये सारे दबाये
तू मेरे साथ हमेशा मेरे हाथ
मेरी कलम मेरी पहचान
मेरी कलम मेरी ताकत।
