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Megha Singh

Inspirational Children

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Megha Singh

Inspirational Children

देश मेरा रंगरेज बड़ा

देश मेरा रंगरेज बड़ा

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देश मेरा रंगरेज बड़ा,

देश मेरा रंगों से भरा,

कहीं बंगाली, कहीं मराठी,

कहीं हिंदी, कहीं तमिल

दिल्ली के कर्तव्य पथ से कर्नाटक के हम्पी तक,

ओडी के पुरी से रन के कच तक

शानों से भरा अनोखा बड़ा ,

देश मेरा रंगरेज बड़ा,

देश मेरा रंगों से भरा।


मौसम की डाली से,

खुशियों की प्याली में

कहीं कोयल, कहीं पपीहा

वही बाग है वही बगीचा,

वसंत से सावन तक,

तिनको से मनको तक

सबसे भरा अनोखा बड़ा ,

देश मेरा रंगरेज बड़ा ,

देश मेरा रंगों से भरा।


कहीं गलिया, कहीं चौराहे

वही आंगन है वही मुंडेर

बनारस के पान से हैदराबादी बिरयानी तक,

शुरु के माना से अंत के कोड़ी तक

सबसे बना अनोखा बड़ा ,

देश मेरा रंगरेज बड़ा ,

देश मेरा रंगों से भरा।


कहीं राम, कहीं रहीम

वही खिर, वही सेवइयां

आरती के जोत से अज़ान के गूंज तक,

मंदिर के फूल से दरगाह के सुगंध तक

सबसे बना अनोखा बड़ा ,

देश मेरा रंगरेज बड़ा ,

देश मेरा रंगों से भरा ।


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