बूंद-बूंद आंसू
बूंद-बूंद आंसू
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आंसू बुंदो की तरह
जब भी आती, रुलाके जाती
आंसू बारिश की तरह
जब भी आती, भिगा के जाती
आंसू, एक एहसास
आंसू एक जज्बत
कहीं दिल के टूटने का नाम
कहीं दिल के जुड़ने का पैगम
नमी सी आंखों में सब ब्या करती
दिल की बातो को आंखों से कहती
पहली आंसू देख,मां मुस्काई
अबकी आंसू देख,मां गुस्साई
हर आंसू की अपनी कहानी
कभी दुख की राही
तो कभी खुशियों की चाबी
कहते आंसू कमजोर की पहचान
पर आंसू है सबके पास
कोई दिखाता कोई छिपाता
यह कुदरत का ढंग
यह आंखों का उमंग
आंसू बुंदो की तरह
जब भी आती रुला के जाती
आंसू लौ की तरह
मोम जैसे शीतल चेहरे पर कोमल सी बाती
आंसू बुंदो की तरह
जब भी आती, रुला के जाती
आंसू बारिश की तरह
जब भी आती, भिगा के जाती।
