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Neil Patel

Drama

5.0  

Neil Patel

Drama

मेरी कहानी

मेरी कहानी

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आज आया मैं दुनिया में

आज देखा मैंने ये संसार

बड़ा ही प्यारा बड़ा ही

सुन्दर है ये संसार।


माँ ने मुझे अपने गले से लगाया

उसने मुझे आज अपना बताया

डॉ. ने मेरे पापा को बुलाया

उन्होंने मुझे गोदी में उठाया।


दो दिन बाद में अपने घर आया

कुछ दिन बीते धीरे-धीरे में बड़ा हुआ

सब के दिल को मैं भाने लगा

मैं अपनी ही धुन में बड़ा होने लगा।


कोई मुझे नहीं समझता

मैं रोता चिल्लाता पर

किसी को समझ में ना आता,


कुछ दर्द कुछ खुशी मैं

कैसे बताऊँ सब को मैं

इस दुनिया में क्यों आया।


माँ सोते-सोते कमर दर्द करती है

और मैं बहुत परेशान करता हूँ

ये माँ कहती हैं।


मुझे भूख लगे तो मैं केसे बताऊँ

मुझे प्यास लगे तो मैं दूध कैसे माँगू

माँ मुझे गोदी में उठा लो

माँ मुझे दुध पिला दो।


मैं भूखा हूँ कुछ खिला दो

मैं भी आप के जैसे

संघर्ष करना चाहता हूँ

मैं भाई के जैसे चलना चाहता हूँ।


मैं दीदी के जैसे पढ़ना चाहता हूँ

मैं पापा के जैसे बनना चाहता हूँ

माँ तुम्हारे अलावा

मेरी कोई नहीं सुनता।


माँ तुम्हारे अलावा

मेरी जुबाँ कोई नहीं समझता

आज में छ: महीने का हुआ

आज मैंने पहली बार पानी पिया।


अब तो मुझे दिखता भी है

आते जाते लोगों को मैं

देख के हँसता भी हूँ

धीरे-धीरे दिन निकले

मैं सब का चहेता होने लगा।


अब मैं धीरे-धीरे अपने

पैरों को घसीटते हुए चलने लगा

जो दिखता मुझे सब को

लेने के लिए दौड़ने लगा।


पर मेरे हाथ इतने मजबूत ना थे

सब को समेटना मेरे बस में कहा थे

अब मैं एक साल का हुआ

अब मैं कुछ समझने भी लगा।


जो देखूँ लोगों को वैसा करने लगा

धीरे-धीरे साल दर साल निकले

आज माँ ने पहली बार स्कूल भेजा।


सब नया-नया सा था

कोई अपना नहीं सब पराये थे

आज मुझे सब

कुछ ना कुछ सिखा रहे थे।


हम भी बड़ी जल्दी सीखे जा रहे थे

निकले और साल

हमने जाना दुनिया का हाल

करता रहा दुनिया की जय जय कार

पर आज पता चलता है कि सब है बेकार।।


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