मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी के पन्ने में तुम्हारा नाम सुनहरा होगा
जब जब भिंगेगी ये आंखें, अंतर्मन ने तुम्हें पुकारा होगा
नफ़रत करना वाजिब है पर समझो मुझको तो अच्छा होगा
दे के दुख तुमको मैंने क्या मेरा दिल मुसकाया होगा
पर सोचना कभी इस बारे में
इन खामोश लबों ने भी तो कोई नाम पुकारा होगा
बिखरा पड़ा है जो दिल ये
कभी किसी क़दमों के नीचे तो आया होगा
दिखता है चांद में जो दाग,
जरूर किसी ने इल्जाम लगाया होगा
यूँ करता है जो दिया सबको रोशन ,
उस दिए तले भी तो अंधियारा आया होगा
