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निशान्त मिश्र

Inspirational

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निशान्त मिश्र

Inspirational

मेरी अभिलाषा

मेरी अभिलाषा

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है एक यही अभिलाषा,

कुछ अच्छा करने की आशा,

ऐसा कुछ कर जाऊँ,

गुमनाम नहीं कहलाऊँ,

कुछ अतिरिक्त, अलग सा

है एक यही अभिलाषा


मरना है तो मर जाऊँ,

पर आज, अभी कुछ कर जाऊँ,

निरुद्देश्य मैं न जी पाऊँ,

दूँ जीने की एक नयी परिभाषा

है एक यही अभिलाषा


कब तक खुद को झूठलाऊँ,

अंतराग्नि में तिल – तिल,

कैसे मैं जलता जाऊँ,

कहीं किसी कोने में,

न रहने पाए निराशा

है एक यही अभिलाषा


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