मेरे वतन के वीर जवान........
मेरे वतन के वीर जवान........
ऐ मेरे वतन के रखवाले
कहते हैं सब तुम्हें जवान।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।
है तुम्हारा भी एक घर अपना
जिसके प्रति हैं फर्ज तमाम।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।
देते हैं हम सलामी तुमको
करते हैं वीरता का सम्मान।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।
कफन बना लेते तिरंगे को
बचाने को तिरंगे की शान।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।
दिन रात खेलते बारूदों से
गोलियों के आँगन में।
ताकि मासूम रहें सुरक्षित
अपने माँ के आँचल में।।
सीमा पर ही नहीं,अपितु
देश के हर कोने में
करते हो रक्षा दान।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।
हर माँ चाहे बेटा तुम सा
बच्चों के आदर्श हो तुम,
अपना सर्वस्व लुटाकर जो
करता न्यौछावर देश पर जान।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।
प्यार करना सीखें तुमसे
कैसे करतें देश को प्यार,
निस्वार्थ की भावना तुमको
बना देती है इतना महान।
क्यों भूल जाते हैं कि
तुम भी हो एक इंसान।।