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Anita Mishra

Classics

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Anita Mishra

Classics

मेरे मित्र बन कर रहना

मेरे मित्र बन कर रहना

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ना लेना ना देना ना स्वार्थ

ना लालच एक रिश्ता,

मेरे मित्र बनकर रहना।


ना द्वेष ना अंहकार

ना अभिमान सबसे परे,

मेरे दोस्त बनकर रहना।


ना परिभाषा ना अभिलाषा

ना अपेक्षा कोई चाहत नहीं,

बस मेरे मित्र बनकर रहना।


ना जवाब ना सवाल

ना बवाल कुछ नहीं चाहिए,

बस मेरे दोस्त बनकर रहना।


ना समर्पण ना आकर्षण

ना परिवर्तन जैसे हो वैसे ही,

बस मेरे मित्र बनकर रहना।


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