भावों में बहती हूँ फिर शब्दों को रचती हूँ , हां मैं कविता लिखती हूँ।
डाँटता खड़े-खड़े सीख दे बड़े-बड़े। डाँटता खड़े-खड़े सीख दे बड़े-बड़े।
फिर भी मन जवान है उम्र आड़े क्यों आये ? फिर भी मन जवान है उम्र आड़े क्यों आये ?
फिर भी मन जवान है उम्र आड़े क्यों आए। फिर भी मन जवान है उम्र आड़े क्यों आए।
कचहरी की भाषा हिन्दी हो ज्ञान-विज्ञान की सब घरों में हिन्दी बोले हिन्दी आन बान की कचहरी की भाषा हिन्दी हो ज्ञान-विज्ञान की सब घरों में हिन्दी बोले हिन...
पता है पर अभी भी तुम में मैं हूँ कहीं ? पता है पर अभी भी तुम में मैं हूँ कहीं ?
अपने ख्वाहिशो के आंचल में तुम्हारे नांरगी सपने को रुपहली सफेद सी। .... अपने ख्वाहिशो के आंचल में तुम्हारे नांरगी सपने को रुपहली सफेद सी। ....
तेरे ख्यालों में कितने साल बीत गए। तेरे ख्यालों में कितने साल बीत गए।
ना समर्पण ना आकर्षण ना परिवर्तन जैसे हो वैसे ही, बस मेरे मित्र बनकर रहना। ना समर्पण ना आकर्षण ना परिवर्तन जैसे हो वैसे ही, बस मेरे मित्र बनकर रहना...