मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है ज़हर।
मेरे हमसफ़र..मेरे हमसफ़र..
नहीं सेज है फूलों की ये जिंदगी,
हर कदम हर पल नई मुश्किलें।
हो जातीं हैं ये आसान जब हमें,
सहयोग और अपनापन जो मिले।
मिले कदम को कदम का साथ जो,
अखरती न मुश्किलों से भरी डगर,
मेरे हमसफ़र...मेरे हमसफ़र....
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है जहर।
मेरे हमसफ़र...मेरे हमसफ़र.....
भरा तपिश से है यह सकल जगत,
एक पल भी तो नहीं है सुकून का।
धोखे तो कदम-कदम पर हैं यहां,
धोखा दे जाता है रिश्ता भी खून का।
धन्य तव समर्पण की है श्रेष्ठ भावना,
प्रेम भाव का निज दिल पर है असर,
मेरे हमसफ़र... मेरे हमसफ़र...
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है जहर।
मेरे हमसफ़र... मेरे हमसफ़र...
थामा हाथ जबसे तेरा है,
दुनिया मेरी गयी है बदल।
चमका है भाग्य आने से तेरे,
हो गया मेरा जीवन सफल।
मुझे मेरा साहिल मिल गया,
तू बन आई किस्मत की लहर,
मेरे हमसफ़र..मेरे हम सफ़र..
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है ज़हर।
मेरे हमसफ़र..मेरे हम सफ़र..
तम युक्त जगत के कूप में,
टकरा रहा था मैं भटक कर।
नहीं लक्ष्य का कुछ भी भान था,
कहता क्या प्रभु से मैं लौटकर ?
हर काम में तू है सहभागिनी,
हुईं आसान अपनी सभी डगर,
मेरे हमसफ़र..मेरे हम सफर..
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है ज़हर।
मेरे हमसफ़र..मेरे हम सफ़र..
हर एक दर्द मेरा तो बांटकर,
हर सुख है तूने मुझको दिया।
हैं नहीं शब्द मेरे लघु कोष में,
अदा कर सकूं तेरा मैं शुक्रिया।
बस प्रभु से है यही विनती मेरी,
लग जाए तुझको मेरी सारी उमर,
मेरे हमसफ़र..मेरे हम सफ़र..
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है ज़हर।
मेरे हमसफ़र..मेरे हम सफ़र..
तेरे ऋण से उऋण न हो सकूंगा कभी,
अनमोल मुझको तो तेरा यह प्यार है।
पतझड़ सदृश जीवन है तेरे वियोग में,
जो तेरा साथ है उस क्षण ही बहार है।
इस नश्वर जगत में सब ही तो झूठ है,
सच तेरा प्यार ही है प्रभु सम अमर,
मेरे हमसफ़र...मेरे हमसफ़र...
तेरे साथ सुखकर हर डगर,
बिन तेरे अमृत भी है जहर।
मेरे हमसफ़र...मेरे हमसफ़र...