STORYMIRROR

Indu Karamunge

Abstract

3  

Indu Karamunge

Abstract

मेरे भारत का सीना

मेरे भारत का सीना

2 mins
479

क्या बताएं कैसे बताएं

एक नहीं हजार है वह

फिर भी आज बताएंगे

क्योंकि सबको समझना है

भरत का इतिहास हमें

अपने मन में बसाना है


ममता से भरा सीना है इसका

तरह-तरह के धर्म से जुड़ा है

फिर भी आज सबके साथ खड़ा है

कितनी मुश्किलों से लड़ा है


कितने इसके वीरो ने

प्राणों का बलिदान बनाया

कितने लाशों से गुजर कर

भारत का इतिहास बनाया


गरीब गरीब गरीब है देश

पर मन से अमीर है वह

दूसरे देश जले उस पर

ऐसा चरित्र भारत है


आज गर्व से सब कहते हैं

भारत ममता की भूमि है

पवित्र गंगा भी कह रही है

सुखी हूं मैं भारत को पाकर

सिंधु नदी चिल्ला रही है

मुझे भारत में आना है


दुश्मन को भी दोस्त बनाने

वाली छाती है भारत की

जानवरों को भी इंसान

कहने की प्रवृत्ति है भारत की


किसानों से भरा भारत है हरा

गांधी नेहरू अंबेडकर

वीरू से बना भारत है

मुजरिमों को भी भारत

एक अवसर देता है


पीछे रहे देशों को

आगे बढ़ाता है भारत

कमजोरी से गिरी हुए को

सहारा देकर उठाता है भारत


ऐसी नेचर है भारत की

जिससे सब इसे प्यार करते

जिसे सब इसका आधार मानते


सुनो सुनो भारत के वासी

आपसे ही है भारत की साथी

भारत के वासी से ही तो

भारत अपना आज भी खड़ा है


एकता में अनेकता भारत

ऐसे गुना से बना देश है

इसीलिए मेरी कलम कहती है

भारत पर लिखना मुझसे ना हो पाएगा

क्योंकि इतना बड़ी छाती है भारत


लिखने से भी समाप्त ना होगा

कलम भी मेरी झुक गई है

ऐसी छाती है भारत की

जिसे ना कोई लिख सकता है

जिसे ना कोई पड़ सकता है

जिससे ना कोई लड़ सकता है

ऐसा देश है मेरा भारत


जय हिंद जय हिंद कहती नदिया

आसमान भी झुक जाता है

जब जाना गाना माना गुनगुनाते

तिरंगा लहराने लगता

हर भारत के वासी का सीना

हमेशा ऊंचा रहता है


क्योंकि वह भारत में है

भारत झुकना नहीं जानता

अपना शीश उठाकर

जीनी का एक मार्ग दिखाता

अब कलम थक गई है मेरी

मेरे पास भी शब्द नहीं है

ऐसा वर्णन है भारत


इतनी बड़ी छाती है भारत

इतना बड़ा सीना है भारत

वीरों की कुर्बानी है भारत

सच्चाई की मेहरबानी है भारत।


ईश्वर अल्लाह हे भगवान

इन सब का निवास है भारत

इतना बड़ा सीना है भारत

इतना बड़ा सीना है भारत

जय हिंद जय हिंद जय हिंद।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract