मेरा वक्त भी आयेगा
मेरा वक्त भी आयेगा
माना सब अपनी जगह है सही,
पर हूँ गलत में भी तो नहीं।
अपने है मेरे जो भी
जान माँगते हैं वो मेरी।
जो न हो सके मुझसे,
उसका अंजाम माँगते हैं वो सभी।
हूँ अब काफिर में तेरे इश्क में,
पर अपने आप से ही
दगा करूँ वो मैं नहीं।
अभी है चोट खायी हुई,
ताजे घाव की जलन छुपायी हुई।
ये वक्त भी गुजर जायेगा,
इन्तजार करना
मेरा वक्त भी आयेगा।।