मेरा शहर
मेरा शहर
आज मैने हर इंसान को डरा सा देखा
आज मैने अपने शहर को वीरान देखा
कुछ तो जरुर बदला है इन हवाओं मे,
मैने आज इंसानो को उनके घरों मे,
और पंछियों को उनके घरों मे देखा।
आज मैने हर इंसान को डरा सा देखा
आज मैने अपने शहर को वीरान देखा
कुछ तो जरुर बदला है इन हवाओं मे,
मैने आज इंसानो को उनके घरों मे,
और पंछियों को उनके घरों मे देखा।