मेरा प्यार है तू
मेरा प्यार है तू
कदर नहीं जिसको मेरे प्यार की
उस्सी से बेहद प्यार करते हैं हम
उनके लिए जान ले सकते हैं, जान दे सकते हैं हम
प्यार से शब्द पे गौर फरमाते हैं वो
पर जब शब्द अच्छे बोले तो उन्मत कहलाते हैं हम।
शायद पसंद न था तुमको इतना प्यार करना हमारा
कर दी ज़िन्दगी तेरे नाम पर तुमको नहीं गँवारा
तुम प्यार करो या नफरत मुझसे, मैं तो ये ही रहूंगा
बन बैठा हूँ कब से तुम्हारा, तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा।
चाहत हो सकती है, तुम्हे किसी और कि
ज़िन्दगी है तुम्हारी, न किसी और कि
प्यार कर लो तुम उससे पर बात त्तो एक पक्की है
न कर पायेगा प्यार मेरे जितना,
चाहे बन लो तुम किसी और की
वफ़ा और प्यार का इम्तिहान देता रहूंगा मैं
तुमसे हररोज़ ज़्यादा प्यार करता रहूंगा मैं
बनो तुम मेरी या मुझे नज़रअंदाज़ करती रहो
तुम्हारे ही नाम की सांसें लेता रहूंगा मैं।