मेरा मन
मेरा मन


जिस पल तेरी यादों में खो जाती हूँ
उस पल बस तेरी ही हो जाती हूँ।।
तेरे सीने से लग कर जो सुकून मुझे मिलता है
मेरी आँखों में शायद वो तुझे भी नजर आता हो।।
तेरे आने के नाम से ही जो ये बैचेनी सी होने लगी है
ये दिल ही जानता है कि धडकनें ये मेरी कैसे संभल रही हैं।।
तुझसे मिले बिना ना अब चैन आ रहा है ये मन अब तेरे ही ख्याल में खोया हुआ है।।