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Shikha Jain

Romance

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Shikha Jain

Romance

एक सवाल आज भी है

एक सवाल आज भी है

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वक्त एक वो भी था जब सबसे तेरे लिए लड लेती थी मैं

वक्त आज ये भी है अब खुद से ही लड रही हूं मैं।।


तुझको पाकर भी तन्हा ही रही मैं

अकेले तब भी थी अकेले आज भी हूँ मैं।।


ना तब कोई समझने वाला था मुझे

ना सीने से लगाने वाला आज भी कोई है।।


रातों में अकेले तब भी रोती थी

आखों में समुंदर आज भी है।।


किस के लिए और कब तक ऐसे जीना है

मुझे ये सवाल आज भी है।।


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