मेला
मेला
बच्चों के मन भाता मेला,
उम्र किसी की भी न देखे
सबका जी ललचाता मेला
दूर-दूर से बुआ चाचा आते,
घर में जमघट लाता मेला
नट, झूलों, खेल तमाशों की,
रौनक गाँव में लाता मेला
कुल्फ़ी, कचौड़ी, मालपुओं से,
लज़्ज़त बढ़ती है मेलों की,
चुनिया चढ़ काँधे पर,
लेती मज़े भरपूर मेले के,
गाँव के बाहर लगा है मेला,
बड़ी ही अद्भुत है ये बेला