हिंदी मेरी आन बान और शान
हिंदी मेरी आन बान और शान
हिंद देश के हैं हम निवासी
रहते मिलकर सब भाषा-भाषी
जिस तरह मातृभूमि हम सबको है प्यारी
उसी तरह हिंदी भाषा, हम सबकी दुलारी
राजभाषा है ये हमारी, राष्ट्रीयता का प्रतीक है,
इसमें ही तो हमारी, संस्कृति का समावेश है,
यह है हमारी आन बान और शान,
हिंदी पर है हम भारतीयों को अभिमान,
यह भाषा है वीरों की, साहस की और क्रांति की,
यही भाषा है जिसने दूर की अंग्रेज़ों की भ्रांति भी
हरे कृष्ण! हरे राम! की गूँज है संसार में,
हिंदी हमारे आचरण में और हिंदी हमारे विचार में,
प्रयाग, बनारस, लखनऊ आदि विश्वविद्यालयों ने
हिंदी की महिमा का अहसास कराया,
तभी तो कितने ही विदेशियों ने भारत आकर हिंदी को अपनाया,
हिंदी में हो भारत वासियों का मुख्य आदान- प्रदान ,
हिंदी का बना रहे सदा यही गौरव और सम्मान।।
