Dr.Madhulika Banerjee
Romance
अपनी हथेली पे लिख के तेरा नाम,
करूँ इस चाँद को तेरे हवाले,
अब तो बस तू ही मिले हर जनम,
यही मांगा है खुदा से इनाम।
मेहंदी
सच्ची मोहब्बत
देहलीज़
माँ
काश मेरे ख़त का जवाब मुझे तुरंत मिल जाता। काश मेरे ख़त का जवाब मुझे तुरंत मिल जाता।
आखिर किससे इश्क़ हुआ है सूरज को, उसको घर से रोज निकलना पड़ता है। आखिर किससे इश्क़ हुआ है सूरज को, उसको घर से रोज निकलना पड़ता है।
मुद्दतें हो गई तुझसे रूबरू हो न सके मुद्दतें हो गई तुझसे रूबरू हो न सके
तुम बिन ये घर फिर मकान हो गया सूना-सूना सा मेरा ये ज़हान हो गया। तुम बिन ये घर फिर मकान हो गया सूना-सूना सा मेरा ये ज़हान हो गया।
सब कुछ तो लूट लिया अब मुझे मिटा कर क्या पाओगे, सब कुछ तो लूट लिया अब मुझे मिटा कर क्या पाओगे,
तड़पते एहसासों को निगल रहा हैं काल तड़पते एहसासों को निगल रहा हैं काल
मुझको तो ये मालूम है तुम्हारे मेरे बीच है फासला बड़ा लंबा। मुझको तो ये मालूम है तुम्हारे मेरे बीच है फासला बड़ा लंबा।
ना मिटा सकोगे मेरी यादों को दिल से… तेरे दिल के किसी कोने में आज भी हूं मैं … ना मिटा सकोगे मेरी यादों को दिल से… तेरे दिल के किसी कोने में आज भी हूं मैं …
कहते हैं एक हो जाने से, खत्म हो जाता है फासला। कहते हैं एक हो जाने से, खत्म हो जाता है फासला।
अपनी सुध भी तो ना रही हमें भूल गए वो बात जो कहनी थी उनसे, अपनी सुध भी तो ना रही हमें भूल गए वो बात जो कहनी थी उनसे,
कुछ पता न चला तुमको, क्योंकि न हिम्मत आई उतनी मुझको। कुछ पता न चला तुमको, क्योंकि न हिम्मत आई उतनी मुझको।
पर्दा तुम्हारे रुख से यूँ हटाना पड़ा मुझे, अपने दिल का किस्सा सुनाना पड़ा मुझे। पर्दा तुम्हारे रुख से यूँ हटाना पड़ा मुझे, अपने दिल का किस्सा सुनाना पड़ा मु...
जब से देखा तुझे है ओ जाना, चाहती हूँ मैं बस तुझे तब से। जब से देखा तुझे है ओ जाना, चाहती हूँ मैं बस तुझे तब से।
खुदा का शुक्र है कि तुमसे मिला था मैं, मुझसे मिलने की तुम भी तो खैरियत मना लो, खुदा का शुक्र है कि तुमसे मिला था मैं, मुझसे मिलने की तुम भी तो खैरियत मना लो...
ए ख्वाबों की तितलियों हकीकत के फूलों से मिलो न जरा सा ए ख्वाबों की तितलियों हकीकत के फूलों से मिलो न जरा सा
तुम मेरी सांसों में हो, तपती धूप के प्यास हो जहां मैं तुम्हे देखता हूं, वहां नजर आती। तुम मेरी सांसों में हो, तपती धूप के प्यास हो जहां मैं तुम्हे देखता हूं, वहां ...
सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या जितना था वो काफी ना था। सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या जितना था वो काफी ना था।
इस जहां को छोड़ जन्नत घूम आए थे हम दोनों इस जहां को छोड़ जन्नत घूम आए थे हम दोनों
दोनों ओर प्रेम पलता है। सखि, पतंग भी जलता है ! दोनों ओर प्रेम पलता है। सखि, पतंग भी जलता है !
बेमक़सद, बेवज़ह, इसे बर्बाद क्यूँ करना। बेमक़सद, बेवज़ह, इसे बर्बाद क्यूँ करना।