Dr.Madhulika Banerjee
Abstract
एक शब्द ऐसा
जो दिल में हमेशा बसा
जभी इस दिल ने याद किया
हमेशा तुम्हें ही याद किया "माँ"।
मेहंदी
सच्ची मोहब्बत
देहलीज़
माँ
सद्भाव जगाये दीपावाली सद्भाव जगाये दीपावाली
कविता के अभिनन्दन में अदद आवरण अनुचिंतन को बोलो कैसे समझाऊ कविता के अभिनन्दन में अदद आवरण अनुचिंतन को बोलो कैसे समझाऊ
प्रेम की पराकाष्ठा क्या है ? एक बड़ा प्रश्न ...जवाब मुश्किल पर कोशिश करते रहते हैं हम ..... प्रेम की पराकाष्ठा क्या है ? एक बड़ा प्रश्न ...जवाब मुश्किल पर कोशिश करते रहते है...
इस कविता में हल्दी घाटी युद्ध का एवम महाराणा प्रताप की वीरता का वर्णन है। इस कविता में हल्दी घाटी युद्ध का एवम महाराणा प्रताप की वीरता का वर्णन है।
हमने खुद को किया हवाले हमसे मत उम्मीद करो..अब बस तुम पर ही ठहरी है इस रिश्ते की गहराई.......... हमने खुद को किया हवाले हमसे मत उम्मीद करो..अब बस तुम पर ही ठहरी है इस रिश्ते की ...
हर ज़माने के साथ में, मैं उड़ता हुआ आता हूँतूफान हूँ मैं, महज़ आँधी ना समझनाबहती हवा हूँ मैं, भिगी ज़ि... हर ज़माने के साथ में, मैं उड़ता हुआ आता हूँतूफान हूँ मैं, महज़ आँधी ना समझनाबहती ...
The portyal of importance of expectation in our and achievements. The portyal of importance of expectation in our and achievements.
क्यों थकता है तू क्यों रुकता है तू किसे ढूंढता है और किस पर मरता है तू ये सफ़र अकेले तय करना है तुझे.... क्यों थकता है तू क्यों रुकता है तू किसे ढूंढता है और किस पर मरता है तू ये सफ़र अक...
ये बाते थोड़ी भ्रामक हैं, पर गर्भ इसका भयानक है...ये चल रही है ब्रह्माँड की गाथा और हम सब इसके वाचक ह... ये बाते थोड़ी भ्रामक हैं, पर गर्भ इसका भयानक है...ये चल रही है ब्रह्माँड की गाथा ...
भले ही मुझे शर्म की चुनरी ओढ़नी पड़े पर अब भी मैं कली सी मासूम हूँ। भले ही मुझे शर्म की चुनरी ओढ़नी पड़े पर अब भी मैं कली सी मासूम हूँ।
कहतें हैं की उम्र और बुद्धि की कभी भेंट नहीं होती क्योंकि उम्र रास्ते तलाशती है और बुद्धि मंजिल. कहतें हैं की उम्र और बुद्धि की कभी भेंट नहीं होती क्योंकि उम्र रास्ते तलाशती है ...
कहाँ तलाश पाती हो/समाधान दृष्टि हीनता के अभाव में उलझी रही आती है पहेली कहाँ तलाश पाती हो/समाधान दृष्टि हीनता के अभाव में उलझी रही आती है पहेली
तुम अपनी ऊँगलियों की हरकतों से बुनो दुनिया नई तुम अपनी ऊँगलियों की हरकतों से बुनो दुनिया नई
सिर्फ समझा न गया, तो"स्त्री" का "स्त्री" होनाजो उसकी एकमात्र पहचान थी। सिर्फ समझा न गया, तो"स्त्री" का "स्त्री" होनाजो उसकी एकमात्र पहचान थी।
कामयाबी की कृतियाँ बहुत हैै, यह कुछ पक्तिंयाँ नाकामयाबी के नाम। कामयाबी की कृतियाँ बहुत हैै, यह कुछ पक्तिंयाँ नाकामयाबी के नाम।
यह रचना हर मां को समर्पित है। यह रचना हर मां को समर्पित है।
ऊँगली के मृदु स्पर्शों से तन में सिहरन जाग उठे, उठते लाखों भाव मनस में, तब चेहरे पर फाग उठे......... ऊँगली के मृदु स्पर्शों से तन में सिहरन जाग उठे, उठते लाखों भाव मनस में, तब चेहरे...
सुबह का तो हाल ही मत पूछो, उसे चेहरा तुम्हारा नहीं भूलता, सोया सा मासूम सा,आखें मलते देखती थी तुम सुबह का तो हाल ही मत पूछो, उसे चेहरा तुम्हारा नहीं भूलता, सोया सा मासूम सा,आखें ...
आषाढ़ मात्र नमी लिए था जल से रहित था उसका पात्र आषाढ़ मात्र नमी लिए था जल से रहित था उसका पात्र
आ सको तो आज आओ, कल का वादा मत करो, आस को आकाश दो पत्थर की मूरत मत बनो फिर मेरी आँखों से सपने रूठ जाए... आ सको तो आज आओ, कल का वादा मत करो, आस को आकाश दो पत्थर की मूरत मत बनो फिर मेरी आ...