मौन
मौन
आज कुछ शब्द नहीं मेरे,
दिल में कहने को,
कभी मेरे मौन को भी,
समझ लिया करो ।
कभी करती हूँ ,गपशप तुमसे,
कभी मेरी चुप को ,
समझ लिया करो ।
आज कुछ शब्द नहीं मेरे,
दिल में कहने को,
कभी मेरे मौन को भी,
समझ लिया करो ।
कभी गाती हूँ, गुनगुनाती हूँ,
कभी मेरी खामोशियो को ,
समझ लिया करो ।
आज कुछ शब्द नहीं मेरे,
दिल में कहने को,
कभी मेरे मौन को भी,
समझ लिया करो ।
कभी चहकती हूँ, खिलखिलाती हूँ,
कभी मेरी मुस्कुराहटों को,
समझ लिया करो ।
आज कुछ शब्द नहीं मेरे,
दिल में कहने को,
कभी मेरे मौन को भी,
समझ लिया करो ।
कभी कहती हूँ, कुछ बताती हूँ,
कभी मेरी शर्माने को ,
समझ लिया करो ।