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Sangeeta Deshpande

Romance

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Sangeeta Deshpande

Romance

खुदाई

खुदाई

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क्या कहे ए दोस्त, दिल्लगी क्या है 

तुमसे सच में मेरी बता बंदगी क्या है।


प्यार मे सब फना करने को हैं तयार

ये मेरे मेहबूब तेरे सामने जिंदगी क्या है।


आँखों से शबाब पीला कर चाहे मार दे

गर इम्तिहान ना दी तो आशिकी क्या है।


नूर बनाकर रखूगा मेरे हम नवाज तुम्हें 

पलकें ना बिछाये तो वह दीवानगी क्या है।


ए खूदा कभी दर पर ना आया मै कभी 

मुहब्बत ने ही सिखाया, खुदाई क्या है।


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