मैं कहीं बेवफा न हो जाऊँ
मैं कहीं बेवफा न हो जाऊँ


दर्द ए दिल की दवा न हो जाऊँ
उम्र भर की सज़ा न हो जाऊँ।
इतना मत आइए मेरे नज़दीक़,
मैं कहीं आप का न हो जाऊँ।
तुम से मिलने में एक डर है यही,
के मिलूँ फिर जुदा न हो जाऊँ।
इस लिए मैं गुनाह करता हूँ,
मुझ को डर है ख़ुदा न हो जाऊँ।
इस क़दर भी न रह खफ़ा मुझसे,
के मैं तुझ से खफ़ा न हो जाऊँ।
तुम ही तोहमत ये अपने सर ले लो,
मैं कहीं बेवफ़ा न हो जाऊँ।