इश्क मेरा !
इश्क मेरा !
उलझी हुई जिंदगी थी,
उलझती चली गई..
फिर जिंदगी के एक मोड़ पर तू मिला,
और उलझी हुई चीजें सुलझने लगी।
अब जब आये ही हो, तो जाना नहीं,
हर वो किये हुए वादे को तोड़ना नहीं
तू वो शक्स हुआ जो जिंदगी को
हसीन बनाता है,
हर लम्हा खुशी से मनाता है।
तेरी इस कदर आदत होने लगी है,
चाय से ज्यादा तलब होने लगी है,
रहेगा हमेशा तू या रहेगी तेरी यादें,
जो भी रहेगा तेरा ही रहेगा।
अगर मुझे भूल भी गये तुम,
मेरा इश्क जरूर तुम्हें याद रहेगा।