मैं वो हूं...
मैं वो हूं...
ना रूप से सुंदर हूं
ना किसी की पसंद सा पसंद हूं
मैं जो हूं वो किसी की
रातों की नींद के ख्वाब सा हूं
ना जलने वाला दिया हूं
ना किसी के घर का अंधेरा हूं
मैं जो हूं वो कोई
लगाए बैठा एक इंसान की आस सा हूं
ना जिद्द हूं
ना इश्क हूं
ना किसी के चेहरे का गम हूं
मैं जो हूं वो किसी को
मिलाने वाला आकर्षण सा हूं
ना मोह हूं
ना लोभ हूं
ना झूठ हूं
ना किसी के चेहरे पर लगा दाग सा हूं
मैं जो हूं वो किसका
बुजुर्गों का मुश्किल वक़्त में सहारा सा हूं
ना वक़्त सा हूं
ना नसीब सा हूं
मैं वो हूं जो सब एक काग़ज़ में
उतार दे एक rajdip लेखक सा हूं