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Archana Verma

Romance

3  

Archana Verma

Romance

मैं तो तेरी होली

मैं तो तेरी होली

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ओ रे पिया मैं तो तेरी होली

तन मन धन सब वारा तुझपे

तेरे पीछे मैंने अपनी सुद्बुध खो ली

ओ रे पिया मैं तो तेरी होली,

 

रूप श्रृंगार से रिझाया तुझको

स्वाद से भी लुभाया तुझको

पत्नी ,माँ,प्रेमिका और सेविका

चारों रूप से समर्पित थी तुझको

मेरी प्रीत न जानी तूने ,तू कैसा निष्ठुर हमजोली

ओ रे पिया मैं तो तेरी होली, 

 

ढाई आखर प्रेम का पढ़ हो गई मैं अनपढ़

पढ़ा लिखा कुछ काम न आया बाँध लिया काला पर्दा आँखों पर

जिस तरफ ले चला तू मुझको ,मैं उस ओर हो ली

ओ रे पिया मैं तो तेरी होलीओ रे पिया मैं तो तेरी होली

तन मन धन सब वारा तुझपे

तेरे पीछे मैंने अपनी सुद्बुध खो ली

ओ रे पिया मैं तो तेरी होली,


तेरे रंग में रंगने को हर जतन किये

जो रंग भाए तुझको, वही जीवन में शामिल किये

थोड़ा सा मेरा रंग भी, जो तुझपे चढ़ जाता नज़र का टीका बन,

तुम्हारे चेहरे पर सज जाता वो रंग जो नहीं चढ़ा तुमपे ,

तो क्यों कर मैं मनाऊँ होली

ओ रे पिया मैं तो तेरी होली

ओ रे पिया मैं तो तेरी होली



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