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Manoj Kumar

Romance

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Manoj Kumar

Romance

मैं मैं तेरा , न तू मेरी

मैं मैं तेरा , न तू मेरी

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मेरे लहद से,

मिट्टी चूम ले तू,

मैं तेरा कभी नसीब नहीं हो पाऊँगा

बस यहाँ तक ही था

तेरा मेरा प्यार!

तेरा कभी नहीं हो पाऊँगा

अभी समय हैं

मेरी लहद की मिट्टी,

उठाकर चूम ले..

तू तूफ़ानों से डर!

कहीं मेरे ऊपर ,

खरपतवार न जम जाए

अगर सच्ची मोहब्बत हैं,

तो लिपट जा आकर!

मैं मिट्टी में हूँ!

तू अपने गोरे हाथों से,

स्पर्श कर मुझे!

एहसास हो जायेगा

कितना प्यार था

तुझमे और मुझसे!

मेरे प्यार से,

तेरे ऑंखों में आँसू!

या खुशियों के उर्मिला

निकलेगी..!

स्पर्श से पता होगा!!!



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