मैं लिखूंगा
मैं लिखूंगा
तुम प्रेम पर लिखो
मैं भूख पर लिखूंगा
तुम चाँद पर लिखो
मैं ज़मीन पर लिखूंगा
तुम लिखो
इश्वरों को खुश करने का
तरीका
मैं लिखूंगा कि
कैसे इंसान मुस्कुराने लगें
तुम लिखो कि एलियन का
मुँह कैसा है
मैं लिखूंगा कि चिड़िया को
पसंद क्या है
तुम अनहद नाद का उद्घोष
करो
मैं दारुण व्यथा को स्वर दूँगा
तुम करो सौन्दर्य की उपासना
मैं उसे गढूंगा अपने तरीके से
तुम करो प्रतीक्षा राष्ट्र नायक की
मैं किसी किसान से मिलता हूँ
तुम पढ़ो प्रशस्ति पत्र शासन का
मैं उसे आईना दिखाता हूँ
करो तुम अनर्गल प्रलाप
मैं तर्क में धार लाता हूँ ।