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Savita Singh

Romance

3  

Savita Singh

Romance

मैं और तुम

मैं और तुम

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कुछ कहना तो था तुमसे 

कुछ सुनना भी था तुमसे 

तुम्हारे एक ही शब्द ने 

मुझे कुछ कहने न दिया !


जब सुनना ही नहीं चाहा 

तो कहते ही क्या ?

अब छोड़ो भी ये कहने सुनने की कहानी 

ख़तम होने को है अब ये तेरी मेरी कहानी।


न तुम मुझे समझ पाए न मैं तुम्हें जानी 

दे डाली तुम्हें यूँ ही अपनी ज़िंदगानी !


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