Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

मिली साहा

Abstract

4  

मिली साहा

Abstract

मातृत्व

मातृत्व

1 min
256


मातृत्व एक नारी का सबसे श्रेष्ठतम रूप है,

इस दुनिया में मां तो ईश्वर का ही स्वरूप है,

निश्चल प्रेम बरसाती पतित पावन गंगा जैसी,

जीवनभर साथ निभाती जो मां होती है ऐसी,


नन्हे- नन्हे कदम जब आते घर के आंगन में,

मातृत्व का खूबसूरत फूल खिलता जीवन में,

नन्हीं कोमल उंगलियों के स्पर्श का एहसास,

एक मां के जीवन को बना देता है बेहद खास,


नन्हीं किलकारियों से गूंज उठता घर आंगन,

बसंत सी बहार आ आती महकता है जीवन,

नारी का ये मातृत्व रूप बड़ा अनोखा होता है,

एक नया स्वरूप निखरता नया जन्म होता है,


जीने का नज़रिया बदलता शिशु का आगमन,

मां होने का एहसास कराता वो नन्हा जीवन,

फूलों से सुसज्जित होती है जीवन की बगिया,

चांद सितारों सी हो जाती है नारी की दुनिया,


बदलता नारी जीवन एक नया रिश्ता बनता है,

मां बच्चे का यह रिश्ता कितना प्यारा होता है,

स्वयं के लिए जीना छोड़ बच्चों के लिए जीती,

अपना जीवन भी बच्चों को समर्पित कर देती,


मां बच्चों की खातिर हर तकलीफ सह जाती,

धुप में छाया है मां प्यास में दरिया जैसी होती,

अंधकार में मां दीपक बनकर करती है रोशनी,

बच्चों के जीवन के लिए मां होती है संजिवनी,


ईश्वर ने भी क्या खूबसूरत यह रिश्ता बनाया है,

मां बच्चे का ये अनोखा अटूट बंधन बनाया है,

सागर से भी गहरी है मां की ममता की दास्तान,

एक मां के लिए जान से भी प्यारी होती संतान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract