मातृत्व
मातृत्व
माँ
मातृत्व की परिभाषा क्या है ?
क्या, आप माँ शब्द की सम्पूर्णता
को वास्तव में समझते है ?
मातृत्व, दिखावा नहीं,
किसी का दिया हुआ चढ़ावा नहीं,
किसी से किसी की तुलना का मापदंड नहीं,
मातृत्व, प्यार का दरिया है l
अपनत्व की बौछार है l
माँ, जिसकी आँखें सिर्फ
अपने अंश के खुशियाँ तलाशती है,
माँ, आदि से अनंत तक
समर्पण की गाथा है ,
स्नेह जिसके दामन में,
शुभाशीष जिसकी वाणी में ,
अनुभवों की सीख से प्रकाशित जो
हमारा हर कदम करे, ऐसे
मातृव को शब्दों में परिभाषित करना संभव नहीं,
ऐसे में मातृत्व को दिवस के दायरे में रखना
हमारे आधुनिक मानसिकता का भ्रम है
हम दिखावा कर रहे, ऐसा लगता है मुझे
या हम सोशल मीडिया के फरेबी दुनिया
के गिरफ्त में है,
जो अपने जज्बातों को अपनों के बीच प्रकट
करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे ,
बचपन में माँ कहती थी,
जो काम मन से ना किया गया हो
वो सही नहीं, जो वास्तविक
नहीं वो दिखावा सही नहीं ,
माँ के प्रति प्यार, सिर्फ एक दिन नहीं
उसके प्यार की कीमत सिर्फ एक दिन नहीं
बल्कि वो तो हकदार है हमारे साथ की
हमारे प्यार और विश्वास के लिए प्रतिदिन
इसलिये, मेरे लिए मातृत्व दिवस हर दिन
नमन, माँ के हर रूप व स्वरूप को।