मातृभूमि को नमन
मातृभूमि को नमन
चल पड़े हैं पग जिधर,
राह बदल सकते नहीं,
हम है माँ भारती के लाल,
थक हम सकते नहीं,
लक्ष्य हमारा है विराट,
भटक हम सकते नहीं,
समय की है पुकार,
वेग थम सकता नहीं,
सुन माँ भारती की करुण पुकार,
हम रुक सकते नहीं,
मिटाना आज शत्रु हमे,
और शत्रुता का भाव भी,
प्यारी सी इस वसुधा में,
फैलाना सद्भाव भी,
न रुकेंगे,न थकेंगे,
कदम से कदम सदा बढ़ेंगे,
माँ भारती के चरणों मे,
बन पुष्प हम समर्पित होंगे,
न मुरझाना हैं, न रुक जाना है,
बस प्रेम सुगंध फैलाना है
तिरंगे का सम्मान बढ़ाना है
तन मन अर्पित कर जाना है,
वीर पुष्प ही बन अब,
मातृभूमि को सजाना है।
मातृभूमि को सजाना है।