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Madhu Vashishta

Abstract Classics Inspirational

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Madhu Vashishta

Abstract Classics Inspirational

मार्गदर्शन

मार्गदर्शन

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मैं रोजाना कोशिश करती हूं

खुद को बेहतर बनाने की।

मैं रोजाना कोशिश करती हूं

कुछ नया कर दिखाने की।


वैसे भी नया करना मजबूरी है मेरी।

पुराना सब निकल गया अब मुट्ठियों से मेरी।

जब पुराना कुछ भी नहीं तो ख्वाब भी नए सजाए हैं।

कुछ करके दिखाने को ही तो हम इस दुनिया में आए हैं।

शरीर भले ही कमजोर हो लेकिन हम मन से ही खुद को बहुत हिम्मत बंधाए हैं।

माना दुनियादारी के हमने काम सारे पूरे कर लिए।

अपनी सारी जिम्मेदारियों से भी हम अब निबट लिए।

लेकिन अब भी करना पड़ेगा कुछ काम ऐसा, जो हमारे बच्चों के लिए प्रेरणा स्त्रोत होगा

 ख्वाब सजाए हैं हमने जितने

अगर हम आज पूरा करेंगे

तो यही हमारे छोटों के लिए भी हमारे द्वारा किया गया उनके लिए मार्गदर्शन होगा।


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