माफीनामा खुद से खुद की
माफीनामा खुद से खुद की
मेरा छुटपन कितना सरल
मेरा बचपन कितना तरल
दुत्कारे पुचकारे या मारे
बीन द्वेष भाव बिन बहकावे
बार बार जाते सबके द्वारे
कहा गए छुटपन मेरा
कहा छुप बैठा बचपन
खुशी वह आलम न्यारे
प्रौढ़ अवस्था बने
दिल दिमाग ठोस सख्त
पहचान बना प्रतिष्ठा
प्रतिष्ठा अपनी ईमान बलिदान
गलती मान गंवा बुनियाद
छुटपन कितना सरल तरल
दुत्कारे पुचकारे या मारे
बीन द्वेष भाव बिन बहकावे
बार बार जाते सबके द्वारे
कहा गए कहा जाए वह
खुशी वह आलम न्यारे
गलती से कोई परे नहीं
ना ही हैं कोई समस्या
किया सही था या गलत
गलती मानना अपमान
हैं अहंकारकारी सोच
छुटपन कितना सरल तरल
दुत्कारे पुचकारे या मारे
बीन द्वेष भाव बिन बहकावे
बार बार जाते सबके द्वारे
कहा गए कहा जाए वह
खुशी की आलम न्यारे
माफी मांगना नहीं कमजोरी
बन जाती स्वाभिमानी ताकत
माफी ना जलील ना हार
माफी एक ऐसी शक्ति
शत्रु बने दिली दोस्त
छुटपन कितना सरल तरल
दुत्कारे पुचकारे या मारे
बीन द्वेष भाव बिन बहकावे
बार बार जाते सबके द्वारे
कहा गए कहा जाए वह
खुशी की आलम न्यारे
यह अजेय शक्ति
पहुंचाए बुलंदी पार
सिर पर पहनाए ताज
छुटपन कितना सरल तरल
दुत्कारे पुचकारे या मारे
बीन द्वेष भाव बिन बहकावे
बार बार जाते सबके द्वारे
कहा गए कहा जाए वह
खुशी की आलम न्यारे
क्षमा कर दो सब
भूल हो गई मुझसे
अनजाने गलती करदी
अब ना होगा गलती
सावधान रहूंगा अगली बार
खत्म समाप्त खुद से
खुद की लड़ाई झगड़े
मेरा छुटपन कितना सरल
मेरा बचपन कितना तरल
दुत्कारे पुचकारे या मारे
बीन द्वेष भाव बिन बहकावे
बार बार जाते सबके द्वारे
कहा गए छुटपन मेरा
कहा छुप बैठा बचपन
खुशी वह आलम न्यारे।
निर्मुणी@संजीव कुमार मुर्मू