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Nivish kumar Singh

Abstract

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Nivish kumar Singh

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मानव का माया संसार।

मानव का माया संसार।

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मानव के माया संसार मे, 

मिलेंगे हज़ारों चालबाज। 

मुख मे रख कर राम, 

छिपा चाकू से करेंगे वार। 


ये नई नही, पुरानी नही

वर्तमान मे चल रही कहानी है। 

सफेद कुर्ता मे लिपटा मानव, 

अपने काले दिल को धका मिलेंगे। 

आपसे दो प्यारे बाते कर, 

आपको जहर खिलाता मिलेंगे। 

मिलेंगे हर मोड़ पर मिलेंगे, 

एक से बढ़ एक चालबाज मिलेंगे। 


जो आता है वो जाता है, 

ये अटल सत्य कभी नही टल सकता है। 

चालबाज मरते ही मिट जाते है,

पर इन चालबाजो का सामना कर, 

अच्छे लोग अपने पथ पर चलते जाते है। 

फिर गांधी, भगत, आज़ाद बन, 

मर कर भी जीवित अमर हो जाते है।


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