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सतीश कुमार

Inspirational

4.7  

सतीश कुमार

Inspirational

मानव ही तो रोकेगा

मानव ही तो रोकेगा

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मंदिर के पट बंद हो गए,ईश्वर किसको देखेगा।

जगत फैली महामारी को,मानव ही तो रोकेगा।। 

मानव स्वयं बेख़ौफ है,घूम रहा है सड़को पर,, 

जिंदगी का खौफ नहीं,ना पाबंदी का कोई डर,,

देश संपदा छीन जाएगी,जो टिकी है इंसान पर,,

यह वक्त आज संभलने का,हित अपना मानकर,,

नियमों का अनुसरण करे,यह दानव घुटने टेकेगा।

जगत फैली महामारी को,मानव ही तो रोकेगा।। 

सभी का एकजुट होना,ताकत नहीं जंजाल बना,, 

छुआछूत के इस मंजर में,घर आनाजाना भी मना,, 

मानव के इस दुष्कर्म को,मानव ही अब भोग रहा,,

प्रलय का आभास कहें या वक्त का कोई अनकहा,,

मन की नींव मजबूत रहे,संसार शांति भोगेगा।

जगत फैली महामारी को,मानव ही तो रोकेगा।।


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