माँ
माँ
माँ
तेरे लिए
कुछ लिखने चलूँ
तो शब्द कम पड़ जाते हैं
माँ इस
छोटे अल्फाज़ में
सारे सुख सिमट जाते है
माँ नहीं तो
ज़िंदगी अपूर्ण है
माँ तू खुद में पूर्ण है
माँ ममता है
प्यार है
धूप में शीतल छाँव है
कष्ट में
मखमली अहसास है
तू हर
जीवन की प्यास है
माँ तुझसे ही हर दिन है
मेरी हर इक श्वास है
तेरे लिए
कोई ख़ास दिन नहीं
माँ तुझसे ही मेरा
हर दिन ख़ास है।