मैं याद महल से कब निकला, अब तक हूँ कैद, वहीं मानो। मैं याद महल से कब निकला, अब तक हूँ कैद, वहीं मानो।
इन रास्तों पे चलते चलते मैं खो जाती हूँ नींद आए या न आए मैं सो जाती हूँ। इन रास्तों पे चलते चलते मैं खो जाती हूँ नींद आए या न आए मैं सो जाती हूँ।
शोहरतों की कमी नहीं, बस लगन की सतत जमीं चाहिए..! शोहरतों की कमी नहीं, बस लगन की सतत जमीं चाहिए..!
तुम्हारे पैरहन के कोने से झूल रही थी अब तजुर्बों की गवाहियाँ सुनते सुनते मैली होचली तुम्हारे पैरहन के कोने से झूल रही थी अब तजुर्बों की गवाहियाँ सुनते सुनते ...
धरा पर प्रकृति की सुंदरतम रचना हो तुम! धरा पर प्रकृति की सुंदरतम रचना हो तुम!
बिंदी, चूड़ी, पायल, झुमके तेरे अच्छे नहीं लगते मुझसे ज़्यादा तेरे बदन को वो जो चूमते हैं बिंदी, चूड़ी, पायल, झुमके तेरे अच्छे नहीं लगते मुझसे ज़्यादा तेरे बदन को वो जो ...